– ऑप्शन खरीदार और विक्रेता कौन है और इनमें क्या अंतर होता है, – कॉल और पुट ऑप्शन क्या है और ये कैसे काम करते हैं, – स्ट्राइक प्राइस के दाम घटने या बढ़ने पर ऑप्शन प्रीमियम की कीमत कितने रुपए ऊपर नीचे होती है, – बाजार की अनिश्चितता और मार्केट वोलैटिलिटी किस प्रकार ऑप्शन प्रीमियम की कीमतों पर असर डालती है, – ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक नियम क्या है,
– ओपन इंटरेस्ट, – वॉल्यूम, – बिड प्राइस, – आस्क प्राइस, – इंप्लायड वोलैटिलिटी (IV), – लास्ट ट्रेडिड प्राइस (LTP), – पुट कॉल रेश्यो (PCR) आदि।
– चार्ट पर किस प्रकार से ऑप्शन्स के प्राइस में मूवमेंट होती है, – कॉल और पुट ऑप्शन प्रीमियम का चार्ट देखें, आप पाएंगे कि इक्विटी ट्रेडिंग की तुलना में ऑप्शन ट्रेडिंग के चार्ट बहुत तेजी से ऊपर नीचे होते हैं। – मोमेंटम को समझने की कोशिश करें – मोमेंटम का मतलब होता है कि uptrend या downtrend कितनी तेजी से ऊपर नीचे होता है, – आपको हमेशा अधिक मोमेंटम वाले चार्ट पर ही फोकस करना चाहिए क्योंकि ऐसे स्टॉक्स कम समय में अधिक प्रॉफिट दे देते हैं,
जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग चार्ट देखेंगे तो आपको चार्ट पर कई सारे पेटर्न्स बनते हुए नजर आएंगे जैसे; डबल टॉप, डबल बॉटम, हेड एंड शोल्डर, फ्लैग पैटर्न इत्यादि। और इन सभी पेटर्न्स की मदद से आप सही जगह पर एंट्री ले सकते हैं और कुछ समय बाद एग्जिट लेकर प्रॉफिट बुक कर सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आप option trading books पढ़ सकते हैं। बुक्स पढ़ने से आपको स्टेप बाय स्टेप जानकारी मिलती है। मार्केट में बहुत सारी किताबें उपलब्ध है जो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग की बेसिक से लेकर एडवांस तक जानकारी देती हैं। इसके अलावा बहुत सारी ऑप्शन ट्रेडिंग वीडियोस भी यूट्यूब पर उपलब्ध है जो कि बिल्कुल फ्री है आप चाहें तो उन्हें देखकर भी बहुत सारा ज्ञान बिल्कुल मुफ्त में अर्जित कर सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग में buyers और sellers की साइकोलॉजी को समझना बहुत जरूरी होता है। ट्रेडिंग साइकोलॉजी का मतलब होता है कि– – एक खरीदार या विक्रेता ट्रेड करते वक्त किस प्रकार से सोचता है, – ट्रेड करते समय उसका मकसद क्या होता है, – ट्रेडिंग में आपके इमोशंस किस प्रकार से काम करते हैं,
– आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करते वक्त कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए, – ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको नुकसान क्यों होता है, – ऑप्शन्स को ट्रेड करते समय आपको कौन-कौन सी ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स फॉलो करनी चाहिए, – ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान को कम करके प्रॉफिट को कैसे बढ़ा सकते हैं.
ऑप्शन ट्रेडिंग को सीखने का सबसे अच्छा तरीका है एक बेसिक चेकलिस्ट को फॉलो करना. सबसे पहले आप उन सभी बेसिक terms की एक लिस्ट बना लें जिसके बारे में आपको नहीं पता है और वह सब आपको बार-बार सुनने को मिलता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना कुछ घंटों का काम नहीं है इसके लिए आपको कम से कम 1 साल लगता है। अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग कोर्स करते हैं तो आपको कुछ घंटे का मटेरियल मिल जाता है लेकिन उसकी प्रैक्टिस करने के लिए आपको बहुत सारा समय देना होगा।
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको लगातार प्रैक्टिस करनी पड़ती है बहुत सारी बेसिक चीजों को बारीकी से समझना पड़ता है इसके अलावा काफी सारे चार्ट का एनालिसिस करने के बाद ही आप ऑप्शन ट्रेडिंग को सीख सकते हैं. मतलब अगर आप मेहनत और लगन से सभी बेसिक कांसेप्ट को ध्यान से समझते हैं तो आपके ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना आसान हो जाएगा।
ऑप्शन ट्रेडिंग की किताबें पढ़कर आप सीखने शुरुआत कर सकते हैं। साथ ही फ्री ब्लॉग और वीडियोस के द्वारा भी आप ऑप्शन ट्रेडिंग को basic से advance तक सीख सकते हैं। सभी कॉन्सेप्ट्स को सीखने के बाद आपको इंडेक्स ऑप्शन्स से ट्रेड करने की शुरुआत करनी चाहिए फिर धीरे-धीरे आप स्टॉक ऑप्शंस की तरफ बढ़ सकते हैं
मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें (How to Learn Option Trading in Hindi) जरूर उपयोगी लगी होगी। इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया है कि एक शुरुआती या beginner ऑप्शन ट्रेडर होते हुए भी आप किस प्रकार से ऑप्शन ट्रेडिंग सीख सकते हैं। अगर आप ऊपर दिए गए पॉइंट्स को फॉलो करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि ऑप्शन ट्रेडिंग को सीखना आपके लिए बहुत आसान हो जाएगा।